अभियांत्रिकी एवं प्रोधोगिकी संकाय में आज दिनांक १० फ़रवरी को इन्टलेक्चुअल प्रोपर्टी राईटस सेल गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय के अंतर्गत पेटेंट फाइलिंग प्रोसेस के बारे में कार्यशाला का आयोजन किया गया | जिसमे आमंत्रित अतिथि अनुपम त्रिवेदी जो की पेटेंट अटॉर्नी के रूप में कार्यरत हैं और पेटेंट के विशेष जानकार हैं उन्होंने अपना व्याख्यान दिया | कार्यशाला में पेटेंट के सम्बन्ध में प्रचलित मान्यताओं का खंडन करते हुए अनुपम त्रिवेदी ने कहा की पेटेंट करने की प्रक्रिया बहुत ही सरल हैं बस हमें तीन बातों का ध्यान रखना हैं जो हैं की पेटेंट जिस विधा पर किया जा रहा हैं वो नयी और सबसे भिन्न हो और साथ ही वो ऐसी हो जिसे कोई आसानी से सुझा न सकता हो और उसका किसी न किसी रूप में उपयोगी हो अगर ये सभी बातें साथ में पूरी होती हों तो उस विधा का पेटेंट कराया जा सकता है | कुछ प्रचलित उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा की पेटेंट के बहुत सारे प्रकार हैं जो अलग अलग तरह से किये जा सकते हैं जिनमे डिजाईन, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, ट्रेड सीक्रेट, प्लांट वैरायटी प्रमुख हैं
कार्यशाला के सम्बोधित करते हुए डीन प्रो. पंकज मदान ने कहा की इस तरह की कर्यशालाओं का आयोजन आज की आवश्यकता हैं और अभियांत्रिकी के छात्रों का इसमें विशेष रूचि होनी चाहिए | साथ ही उन्होंने सभी शिक्षको को भी बढ़ चढ़ कर पेटेंट करने के लिए प्रोत्साहित किया |
कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. सुयश भारद्वाज ने पेटेंट के बारे में सभी छात्रों और शिक्षको को जागरूक करने के लिए इस कार्यशाला का विशेष योगदान बताया | डॉ. सुयश भारद्वाज ने जानकारी दी की छात्रों और शिक्षकों द्वारा समय समय पर सत्र के अंत में प्रोजक्ट बनाये जाते हैं जिनका पेटेंट करने से विश्वविद्यालय की पहचान बढ़ेगी और छात्रों की उन्नति होगी |
कार्यशाला में लगभग १०० छात्रों और शिक्षको ने प्रतिभाग किया | डॉ. मुरली मनोहर तिवारी, डॉ. सुनील पंवार, डॉ. मयंक अगरवाल, डॉ. अजय कुमार, डॉ. लोकेश जोशी, डॉ. तनुज गर्ग, डॉ. निशांत कुमार, संजीव लम्भा, प्रवीण पाण्डेय, प्रतीक अगरवाल, आशीष धामंदा, गजेन्द्र सिंह रावत, अश्वनी सुमित भुवन, ब्रिजेश कुमार, शोभित श्रीवास्तव, दीपक नेगी व् अन्य मोजूद रहे.